
एक बार एक शिष्य ने गौतम बुद्ध से पूछा – “गुरूदेव मुझे मेरे जीवन की क्या कीमत है कैसे पता लगेगी । “
बुद्ध ने उस शिष्य को कहा -” तुम कल प्रातः मेरे पास आना ।”
बुद्ध ने उसे एक पत्थर दिया और कहा -“इस पत्थर को तुम ले जाओ और उसकी कीमत तुम अलग – अलग व्यक्ति के पास जाकर पूछना ।”
शिष्य उस पत्थर को लेकर सबसे पहले फल वाले के पास पंहुचा । उसने उससे कहा कि मेरे पास एक पत्थर है तुम उसके मुझे क्या दोगे । फलवाले ने पत्थर देखकर कहा -” इस पत्थर के बदले में मैं तुम्हें 2 एप्पल दे सकता हूँ ।”
शिष्य वह पत्थर लेकर आगे सब्जीवाले के पास पहुँचा तो सब्जीवाले ने कहा – ” मैं इसके बदले तुम्हें एक बोरी आलू दे सकता हूँ ।”
शिष्य वह पत्थर लेकर एक सुनार के पास गया उसने ध्यान से देखकर कहा-” मैं इसके तुम्हें 5 लाख दे सकता हूँ ।”
शिष्य वही पत्थर लेकर जौहरी के पास गया तो उसने कहा – ” ये तो हीरा है, अनमोल है ।”
उसी तरह प्रत्येक व्यक्ति तुम्हारी कीमत अलग – अलग लगायेगा, तुम अपने आपको जितना घिसोगे उतनी ही तुम्हारी कीमत में वृद्धि होगी ।
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