
Hindi Moral Story “Relation” is about the importance of everyone in our life.No one is unnecessary.If you like this hindi moral story ” Relation”Then comment and share.
Hindi Moral Story “Relation”
दोपहर का समय था। जंगल में उस दिन बारिश हो रही थी। सारे वृक्ष एक-दूसरे से बातचीत में मशगूल थे। बरगद ने दूसरे वृक्षों से कहा – ” जानवर हमारी छाया मैं आकर आराम करते हैं, लेकिन अपने पीछे सारी गंदगी छोड़ जाते हैं। बदबू से बुरा हाल ही जाता है।”
साल के वृक्ष ने उसकी हाँ मे हाँ मिलाई – ” हम चुप रहते है, इसलिए कोई हमारी तरफ़ ध्यान नही देता। अब हमें जानवरों को भगाना ही पड़ेगा ।”
पीपल का पेड़ वहाँ सबसे बुजुर्ग था। उसने कहा- ” नहीं, ऐसा करना ठीक नहीं होगा। जानवर हमारे लिए परेशानी का सबब हैँ, इससे इनकार नहीं, लेकिन वे हमारे काम भी आते हैं। हम सब एक-दूसरे पर निर्भर हैं। वृक्ष, जानवर, इंसान , इसलिए हमें जानवरों को भगाने का निर्णय नहीं लेना चाहिए।”
इस पर साल के वृक्ष ने क्रोधित होकर कहा- “मैं किसी की नहीं सुनूँगा। अब से मैं किसी जानवर को यहां नहीं आने दूँगा।”
अगले दिन उसने वैसा ही किया। जब एक तेंदुआ उसकी छाया मे सुस्ताने आया तो साल ने अपनी टहनियो को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया । डर के मारे तेंदुआ वहाँ से भाग खड़ा हुआ । इसके बाद वहॉ जानवरों का आना बंद हो गया।
कुछ हफ्तों बाद कुछ लक़ड़हारे वहाँ आए और साल के नीचे बैठ गए । साल ने पीपल से पूछा – “ये लकड़हारे यहाँ क्यों आए हैँ? “
पीपल बोला – ” ये पहले यहॉ नहीं आते थे क्योकि इन्हें डर था कि यहाँ जंगली जानवरों का बसेरा है। लेकिन जब से जानवरों ने यहॉ आना बंद किया है, इनकी हिम्मत बढ़ गई है।”
बस फिर क्या था , देखते-ही-देखते लकड़हारों ने कुल्हाडी निकाली और पहला वार साल के वृक्ष पर ही किया।
किसी से भी सीधे सम्बन्ध ख़राब नहीं करने चाहिए ,न ही किसी को अपने लिए अनावश्यक समझना चाहिए।
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